आज़ादी का अमृत महोत्सव: आज़ादी पर मेरा विचार

 

आज़ादी का अमृत महोत्सव: आज़ादी पर मेरा विचार


आज़ादी क्या है समझ चुका हूं
आजादी का मतलब मैं परख चुका हूं,
स्वदेशी से आत्मनिर्भर भारत हम बनाएंगे
आजादी की लौह घर-घर जलाएंगे,
राज से स्वराज एक कहानी है
आज़ादी के दीवानों की एक जिंदगानी है,
भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु और बापू की क्या बात थी
आज़ादी जो हमें मिली वह उन्हीं की सौगात थी।

राष्ट्र के निर्माण के लिए अब आगे बढ़ जाना है
दुनिया को अब एक नया सूरज दिखाना है,
विज्ञान के क्षेत्र में नाम कर दिखाया हमने
तिरंगा मंगल ग्रह तक लहराया हमने,
साहित्य, वेदों और पुराणों की भूमि है हमारा भारत
कविताओं और रचनाओं का सुर संगम है हमारा भारत,
लहराते खेत, पर्वतों और झरनों का रंग है हमारा भारत
बोलियों भाषाओं और त्योहारों का संग है हमारा भारत।

संविधान ने आज़ादी का मतलब है समझाया
आज़ादी का मूल्य अब हमें समझ में आया,
आज़ादी उड़ते पंछी की उड़ान-सी है
आज़ादी सकारात्मक सोच की पहचान-सी है,
आज़ादी अनमोल वचनों और सुंदर गीतों का राग है
आज़ादी प्रकृति की सुरक्षा और इंसानी रक्षा का भाव है,
आज़ादी सरहद पर जान देने का नाम है
आज़ादी देश की खातिर मर-मिटने की पहचान है।

आज़ादी पर मेरा विचार मैंने है बताया
आज़ादी का अमृत महोत्सव मैंने है मनाया,
प्रणाम है उन वीरों को जिन्होंने अपनी कुर्बानी दी
नमन है वीर वीरांगनाओं को जिन्होंने अपनी जवानी दी,
मेरे देश की मिट्टी से आजादी की खुशबू आती है
हवाएं भी युवाओं को यही संदेश दे जाती है,
आज़ादी को हम व्यर्थ न गवाएंगे
देश की खातिर जियेंगे और देश का परचम विश्व में लहराएंगे।


Written By: Om Kumar